स्वरचित मौलिक अर्चना आनंद गाजीपुर उत्तर प्रदेश
140 करोड़ जनता की,
आशा सौंपी है आपको।
मां भारती के आंचल की,
सुरक्षा सौंपी है आपको।
देखो, देश को तुम,झुकने न देना।
देश को तुम, मिटने न देना।
क्यों कि, वतन के अपने आन की,
मैंने बागडोर सौंपी है आपको।।
अच्छा किया जो,
नए भारत की नई तस्वीर का,
नक्शा दिखाया आपने।
आतंक के विरुद्ध ऑपरेशन,
सिंदूर चलाया आपने।
सुपरपावर की सुप्रमेशी को,
धता बताया आपने।
पर 62,71 की वादाखिलाफी,
चाइना की तुम भूल न जाना।
माओ के महिमामहिम को,
सीमा सुरक्षा है मूल बताना।
क्यों कि, वतन के अपने आन की,
मैंने बागडोर सौंपी है आपको।।
स्वदेशी का संकल्प ले,
वतन को अपने आत्मनिर्भर बनाना।
नवाचार और नई तकलीक,
नवयुवक को अपने हाथ दिलाना।
विश्व के विकास रथ में,
आर्यावर्त को अपने अग्रणी बनाना।
क्यों कि, वतन के अपने आन की,
मैंने बागडोर सौंपी है आपको।।


