साकार भगवान-निराकार को पहचान क्या धर्म ने की है,धर्म सेवा भाव को कहते हैं। भारत में संबिधान लोकतंत्र लोकसत्ता नहीं होती। तो क्या एससी-एससी पिछड़ी जाति वर्ग जातियों को जो सुरक्षा लाभ मिला, वह मिल सकता था। यदि लोकतंत्र लोकसत्ता नहीं होती,तो राजा,महाराजा,जमींदारों की राजसत्ता होती। जिसमें राजा जन्मजात पैदा होते।जो इन शूद्र अछूतों के साथ न्याय नहीं कर सकते। यह सभी शारीरिक मानसिक रूप से गुलाम होते, गुलाम को धन संचित, सम्पत्ति शिक्षा का अधिकार नहीं होता है।
एससी-एसटी पिछड़ी जाति वर्ग जातियों के लोगों को हक अधिकार न बोलने,न पहनने-खाने आदि की झूट नहीं मिलती। ब्रह्मांण हिंदू धर्म,हिंदू हिंदुत्व से लोकसत्ता पर जिन्होंने ने आजादी से आज तक कब्जा किया हुआ है। इसमें किसी दूसरे का कोई दोष नहीं है, बल्कि एससी-एससी पिछड़ी जाति वर्ग जातियों के स्वार्थी संगठन नेतृत्व का दोष है। आजादी के बाद भारतीय संविधान लोकतंत्र के निर्माता डा०बी०आर० अम्बेडकर ने जिन अछूत शूद्र एससी-एससी पिछड़ी जाति वर्ग जातियों को लाभ एवं सुरक्षा की गारंटी के साथ सत्ता पर काबिज होने के लिए जाति वर्ग बनायें। जाति वर्ग जातियों को संगठित होने एवं सत्ता पर काबिज होने का इससे बड़ा औजार नहीं हो सकता।
लोकतांत्रिक व्यवस्था में मतदान मतदाता की अहम् भूमिका का इस्तेमाल करके ब्रहामण हिंदू धर्म वर्ण-व्यवस्था सत्ता को उखाड़ फेंकना होगा। ब्रह्मांण हिंदू धर्म सुधार के लिए डॉ बी०आर०अंबेडकर, ज्योतिबा गोविन्दराव फुले का किया। लेकिन सुधार नहीं हुआ, इसलिए डॉ बी०आर०अंबेडकर ने बौद्ध धर्म दर्शन को अपना कर बहुत उपकार किया। स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में हमारे पूर्वजों योगदान होने के बाबजूद स्वतंत्रता सेनानी घोषित नहीं किया। तो यह लोकसत्ता लोकतंत्र संविधान को अब समय है,कि बचाने की जगह कब्जा करने के लिए लड़ाई लड़ें।
लोकसत्ता लोकतंत्र संविधान के भारत में ब्राह्मण हिंदू धर्म वर्ण-व्यवस्था इनकी सत्ता को उखाड़ फेंकना चाहिए। ब्रह्मांण हिंदू धर्म में राजाओं के गुणगान को नकार करें। धर्म आस्था में विश्वास रखें, लेकिन धर्म के नाम पर पूर्वजों की आत्मा को कष्ट न दे।भाजपा आरएसएस हिंदू धर्म हिंदू हिंदुत्व एक छल के राजतंत्र को छोड़कर अंबेडकरवादी लोकसत्ता को स्थापित करने के लिए एकता बंधुता को मजबूत करें। जिसके कारण आप सत्तासीन होने में आसानी होगी।
डॉ बी०आर०अंबेडकर संविधान लोकतंत्र लोकसत्ता के सिद्धांत सामाजिक,राजनैतिक,आर्थिक, धार्मिक न्यास की स्थापना के लिए लड़ाई लड़ें। हिंदू हिंदुत्व से भाजपा भारत भारतीय भारतीयता, भारत की एकता अखंडता संप्रभुता बंधुता को पंथधर्म हिन्दू धर्म,इस्लाम,ईसाई आदि से लोकतंत्र खत्म होने से बचाएं,साथ ही कब्जा करने के लिए इंसान-इंसानियत बचाएं। संगठन नेतृत्व लोगों की समस्या एवं समाधान बहुत उपयोगी है। जिसके कारण नुकसान के लिए जाति धर्म को त्याग वर्ग जाति नेतृत्व संगठन को महत्व देते हुए, मनुवादी शासन-प्रशासन के षड्यंत्रों को समझाने के लिए लेबर पार्टी आफ इंडिया में नेतृत्व संगठन को मजबूत करने को आगे आयें।
रुमसिहं राष्ट्रीय अध्यक्ष लेबर पार्टी आंफ इंडिया
जयभारत जयभीम
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