हिंदू TRAND का प्रतीक मेंढक यह क्या है,यह एक भीड़ है,जो लोगों की जिंदगी से खेल रही है। जैसे----
(1)-हिंदूबादी एक भीड़ जो सत्ता के लिए हिंदूवादी बनकर लोगों को बरगला कर हिंदू बनाकर सवर्ण सत्ता के लिए काम करतीं हैं। जिसमें ओबीसी एससी-एसटी पागलों की तरह इस्लाम के खिलाफ खड़े दिखाई पड़ते हैं, और सत्ता की चाबी उच्च जातियों के हाथों में सौंप देते हैं। जिसके कारण संबिधान और अधिकारों पर कुठाराघात किया जाता है। देश में जिन लोगों की संख्या अधिक होने पर भी उन्हें उनका हिस्सा नहीं मिल पा रहा है।इसका कारण हिंदू-मुस्लिम बिरोधी हिंदूवाद और सत्ता का नशा है। जो बहुजन को समझना होगा।
(2) एक हिंदूवादी भीड़ जो बहुत शोषित को हिंदू बनाकर एससी-एसटी, अंबेडकरवाद बनाम अंबेडकरवादियों के खिलाफ टारगेट साधने के उच्च जातियों का निखालिश हिंदू संगठन और हिंदूवाद है। जिसमें हिंदू बनें बहुजन ओबीसी एससी-एसटी के लिए भी कोई जगह नहीं है। जहां सिर्फ और सिर्फ एससी-एसटी ओबीसी को निशाना बनाया जाता है। इसके ऊपर सामाजिक, आर्थिक राजनैतिक हमले किए जाते हैं। और अत्याचार की क्लिप्स लिखीं जाती है। यह बहुजन शोषित समाज के लिए समझना होगा।
अधिकतर ओबीसी,एससी-एसटी के कुछ सामाजिक संगठन जो कहते हैं,कि हम आरएसएस का विकल्प है।बह आज तकRSSका प्लान ही नहीं समझ सकें है, तो लड़ कैसे सकते हैं। जबकि सामान्य वर्ग और उनके सामाजिक संगठन और राजनैतिक दलों पर ओबीसी एससी-एसटी का कोई दबाव नहीं है, बल्कि उनके मिशन को कामयाब करने में अहम भूमिका बहुजनों की रहतीं हैं।
ओबीसी एससी-एसटी के लोगों को दबाव बनाना होगा। ओबीसी एससी-एसटी के लोग को संगठित होकर अपने अधिकार हिस्सा के खिलाफ खड़े आरएसएस के खेल को समझना होगा, तभी पीड़ित बंचित अपनी पीढ़ियों को सुरक्षित भविष्य दे सकते हैं। यदि प्लान को समझने के अच्छे नेतृत्व और संगठन को चुनना होगा। बिना जाति और धर्म के त्यागे सम्भव नहीं हो सकता। यह भी चिंता और चिंतन का विषय है। जागो और समझो, जो लेबर पार्टी आफ इंडिया करने के लिए चुनौती पूर्ण संकल्प को पूरा करेगी।
मेंढक को हिंदू,मुसलमान,बहुजन बनाते हैं। हिंदूबाद भी तीन तरह का है। यह कलर भी तीन है,हरा,नीला, केसरिया यही मेंढक हिंदूवाद का प्रतीक चिह्न के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।यह खेल बहुत ही दिलचस्प है। यह रंग बताते हैं, असली हिंदू और नकली हिंदू,और हिंदुत्ववाद जिसमें भारतीय संस्कृति की तस्वीर छिपी है। असली हिंदू के निशाने पर है,नकली हिंदू और मुसलमान यह भारत का हिंदूवाद की परिभाषा हैं। जो शासन सत्ता का खेल खेल रही है। जहां बहुजन शोषित समाज बहुत पीछे खड़ा है।
मेंढक और कलर हिंदूवाद के कोड वर्ड और रंगों का खेल है। जो बहुत ही रोचक है,जिसे समझ पाना हर किसी के बस का नहीं है।आओ समझाते हैं,जब इन्हें बहुजन शोषित समाज ओबीसी एससी-एसटी के ऊपर अतिक्रमण करना होगा,तो यह मेढक का रंग नीला करके प्रचार करेंगे,जव इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ कुछ निर्णय लेना होगा, तो यह रंग हरा कर देंगे।जब इन्हें हिंदुत्व और हिंदूवाद पर कुछ करना होगा,तो यह मेंढक का कल़र केसरिया करके संदेश देंगे। यह ऐसा खेल है, जो समझना आसान नहीं है। यह रंग और मेंढक---हिंदूबाद और हिंदुत्व के बहुत उपयोगी है।
इस खेल को लेबर पार्टी आफ इंडिया ने समझा है। जिसे समझने के लिए आओ और नेतृत्व करने के लिए तैयार करों, अपने भविष्य और भारत की अर्थव्यवस्था,अखंडता को मजबूत करो,और खेल को समझो, और सत्ता पर कब्जा करके व्यवस्था में सुधार लाओ। यह तभी संभव है,कि आप समझदार बने, तभी संभव है, नेता और नेतृत्व और संगठन यह बहुत कठिन प्रक्रिया है। जिसे बना और बन सभी सकतें हैं, लेकिन समझना सबके बस में नहीं है।आओ समझो और समाज और देश को मजबूत बनाओ।
ओबीसी को अंबेडकरवाद के खिलाफ करके सबसे अधिक नुकसान हिंदू,हिंदुत्व ने किया है। यह ओबीसी को समझना होगा, कि निशाना बनें रहेंगे या हिस्सा लेंगे। सत्ता की परिवर्तन से हिस्सा नहीं मिल सकता। हिस्सेदारी के लिए व्यवस्था परिवर्तन के लिए नीति,नियत,नियम,संगठन नेतृत्व के पास अंबेडकरवादी सोच नियती-नियम निर्णय,नीतिगत योजना बिचारधारा के अनुरूप परिपक्वता का होना बहुत जरूरी है।
लेबर पार्टी आफ इंडिया अंबेडकरवादी बिचारधारा से परिपूर्ण है। जो हिंदुत्व, हिंदूत्वबाद से अलग है। यह ओबीसी,एससी-एसटी,अल्पसंख्यकों को समानता,हिस्सेदारी,बंधुता को कट्टर हिंदुत्ववादी लोग देश की एकता अखंडता संप्रभुता बंधुता को बहुत बड़ा खतरा है। हिंदू धर्म के प्रति भावनाओं से ओत-प्रोत होना गलत नहीं है। लेकिन किसी धार्मिक क्रियाकलाप के प्रति नफ़रत बुरी बात है।भारत को अखंड बनाने के लिए हिंदू हिंदुत्व की जगह भारत भारतीय भारतीयता से भारत विकसित राष्ट्र मजबूती में भारतीय भारतीयता पर सभी को गर्व करना चाहिए।लेबर पार्टी आंफ इंडिया ऐसे ही भारत के लिए संघर्ष कर रही है।
रुमसिहं राष्ट्रीय अध्यक्ष लेबर पार्टी आफ इंडिया
जयभारत जयभीम


