बैतूल-नगर के वरिष्ठ साहित्यकार स्व. नरेन्द्र पाल सिंह पुण्डीर की सुपुत्री डॉ. पल्लवी सिंह ‘अनुमेहा’ को एक बार फिर से भावना साहित्य एवं कला फाउंडेशन, जयपुर द्वारा गुनाहों के देवता एवं सूरज का सांतवा घोड़ा जैसे चर्चित उपन्यासों के उपन्यासकार डॉ. धर्मवीर भारती की स्मृति में डॉ. धर्मवीर भारती राष्ट्रीय साहित्य सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया है। इस सम्मान के लिये देश भर से सैकड़ों प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी, जिसमें उन्हें उनकी उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय साहित्यिक उपलब्धियों के फलस्वरूप चुना गया।
डॉ. पल्लवी सिंह ‘अनुमेहा’ को इसके पूर्व भी अनेक संस्थाओ के द्वारा विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। ‘मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार-2025′, राष्ट्रीय साहित्य रत्न पुरस्कार’, ‘अंतराष्ट्रीय सरस्वती सम्मान-2025’, ‘वूमेन प्राइड अवार्ड-2025′, साहित्य भूषण सम्मान-2025’, ‘तेजस्विनी सम्मान’ पत्रिका समूह बैतूल जैसे सैकड़ों सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। अब तक उन्हें 150 से अधिक सम्मान एवं 200 से ज्यादा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जा चुके है।
राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी डॉ. अनुमेहा की अब तक तीन पुस्तकें (उच्छवास की सांस, क्षितिज के उस पार एवं उपन्यासों में संवेदना और शिल्प ) प्रकाशित हो चुकी है, एवं मेरी कवितायें, एक आकृति, स्याह रातों में, ठिठुरता चाँद एवं गगन की छांव पुस्तकें प्रकाशनार्थ है।
उनके आलेख एवं कविताएं भारत के अलावा सऊदी अरब, अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, हांगकांग, सिंगापुर, ब्रिटेन, न्यूयॉर्क, जर्मनी एवं पूर्वी अफ्रीका के पत्र / पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती है। जहाँ पर उनके साहित्य को विशेष रूप से पसंद किया जाता है। उनके द्वारा 80 से अधिक आलेखों एवं 450 से अधिक साझा संकलनों में सहभागिता की जा चुकी है। वे अपनी इन उपलब्धियों से बहुत खुश है । वे इस सबका श्रेय अपने माता-पिता एवं पारिवारिक माहौल को देती है। जहाँ पर साहित्य एवं संस्कृति का संगम उन्हें विरासत में प्राप्त हुआ है।
उनके इस सम्मान पर उनके परिवारजनों, सहयोगियों एवं इष्ट मित्रों ने अनेक शुभकामनाएं प्रेषित की है एवं उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।


