जिसे ” #डिजिटलगिरफ्तारी” भी कहा जाता है, एक प्रकार का #साइबर_अपराध है जिसमें अपराधी #ऑनलाइन माध्यम से लोगों को डराते-धमकाते हैं और उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. वे खुद को #पुलिस, #सीबीआई या अन्य सरकारी अधिकारियों के रूप में पेश करते हैं और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देते हैं.
यह कैसे काम करता है:
धोखाधड़ी:
अपराधी फर्जी वीडियो कॉल या ऑडियो कॉल के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं.
धमकी:
वे पीड़ित को बताते हैं कि वे किसी अपराध में शामिल हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है.
पैसा_ऐंठना:
पीड़ित को डराकर, वे उनसे “जमानत”, “जुर्माना” या “जांच में सहयोग” के नाम पर पैसे देने के लिए मजबूर करते हैं.
नकली_सेटअप:
अपराधियों द्वारा पुलिस स्टेशन या सरकारी कार्यालयों जैसा दिखने वाला सेटअप बनाया जाता है, ताकि पीड़ित को उन पर विश्वास हो जाए.
सुरक्षा कैसे करें:
सत्यापन:
किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें, खासकर यदि वे आपको पैसे देने या जानकारी साझा करने के लिए कह रहे हैं.
सत्यापित करें:
यदि आपको कोई संदेह है, तो सत्यापित करें कि क्या व्यक्ति वास्तव में एक सरकारी अधिकारी है.
शिकायत दर्ज करें:
यदि आपको लगता है कि आप साइबर अपराध का शिकार हो रहे हैं, तो तुरंत #साइबरक्राइमहेल्पलाइन (#1930) या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें.
डिजिटल_अरेस्ट से बचने के लिए, हमेशा #सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की #रिपोर्ट करें.
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