महावितरण का फरमान: 2 महीने बिल नहीं भरा तो डिपॉजिट राशि से जुर्माने सहित होगी कटौती…
संवाददाता:- युसुफ पठाण.
घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक बुरी खबर है। अब से दो महीने बिजली बिल नहीं भरने पर महावितरण की तरफ से उपभोक्ता की डिपॉजिट राशि काट दी जाएगी। इसके बाद बिल में इस डिपॉजिट राशि जुर्माने के साथ वसूली जाएगी।
महावितरण के इस कदम से उपभोक्ताओं को जबर्दस्त झटका लगा है।
अगर आपका बिजली का बिल 3 हजार है और डिपॉजिट 12 सौ रुपए है, तो महावितरण 12 सौ रुपए काट लेगा। शेष बिल 18 सौ रुपए बचा। अब बिल भुगतान के समय जुर्माने के साथ डिपॉजिट राशि ली जाएगी। यानी डिपॉजिट राशि जुर्माने के साथ 17 सौ रुपए ली जाएगी और यह भुगतान करने के बाद ही बिल भरा जा सकेगा। उपभोक्ता को इससे भारी आर्थिक नुकसान होगा। महावितरण की मानें तो इसके लिए उपभोक्ता खुद जिम्मेदार होगा।
यह होगी प्रक्रिया
लगातार दो महीने बिजली का बिल नहीं भरने पर महावितरण की तरफ से उपभोक्ता को मोबाइल पर मैसेज भेजे जाते हैं। महावितरण की भाषा में इसे नोटिस कहा जाता है।
इसी तरह महावितरण की तरफ से उपभोक्ता को फोन आता है और बिजली बिल शीघ्र भरने की गुजारिश की जाती है। बिजली बिल का शीघ्र भुगतान नहीं करने पर लाइन काटने की चेतावनी दी जाती है। अब महावितरण और सख्त हो गया है। महावितरण ने स्पष्ट किया है कि लगातार दो महीने बिजली का बिल नहीं भरने पर डिपॉजिट राशि काट दी जाएगी।
बिल ज्यादा आने की शिकायतें बढ़ी
महावितरण ने भले ही बिजली बिल के दाम कम होने का दावा किया हो, लेकिन जुलाई में ज्यादा बिल आने की शिकायतें बढ़ गई हैं। कुछ शिकायतें बोरगांव मेघे स्थित महावितरण कार्यालय तक पहुंच रही हैं, तो कुछ उपभोक्ता ऐसा मानकर चुप बैठे हैं कि चिल्लाने पर भी कोई फायदा नहीं होता। उपभोक्ता वर्तमान मीटर तेज चलने की शिकायत करने से कतरा रहे हैं। उन्हें डर सता रहा है कि इस मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगा दिया जाएगा। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर को लेकर घमासान मचा हुआ है। मध्यप्रदेश में लोग स्मार्ट मीटर को लेकर बेहद नाराज व आक्रोशित हैं वही वर्धा सहित महाराष्ट्र में भी स्मार्ट मीटर का विरोध की मांग तेज है।

महावितरण की यह नीति महाराष्ट्र
विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप है
यह कदम कंपनी के वित्तीय स्थायित्व और नियमित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। महावितरण की यह नीति महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप है। महावितरण उपभोक्ताओं से अपेक्षा करता है कि वे अपने बिलों का भुगतान समय पर करें। दो महीने तक बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जाता है तो उपभोक्ताओं को बकाया राशि और जुर्माने के साथ डिपॉजिट राशि का पुनः भुगतान करना होगा।
- स्मिता पारखी, अधीक्षक अभियंता, महावितरण विभाग, वर्धा

