वर्धा जिले का जिला सरकारी रुग्णालय कभी जनस्वास्थ्य का मजबूत आधार हुआ करता था, परंतु आज यह संस्थान बदहाली, लापरवाही और राजनीतिक अनदेखी का शिकार बन चुका है। जिले के नागरिकों को आज भी मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं।
जब कोई मरीज इमरजेंसी में आता है, तो जिला सरकारी अस्पताल के डॉक्टर उसे सेवाग्राम या सावंगी जैसे प्राइवेट ट्रस्ट अस्पतालों में रेफर कर देते हैं। यह स्थिति सिर्फ एक अस्पताल की विफलता नहीं, बल्कि गरीब जनता के अधिकारों की सीधी हत्या है।
सरकार ने लिया था सही निर्णय – पर राजनीतिक स्वार्थ ने बिगाड़ा
वर्धा जिले के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने वर्धा शहर में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व अस्पताल खोलने का निर्णय लिया था। उद्देश्य स्पष्ट था – संपूर्ण वर्धा जिले के नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सुविधा देना।
परंतु इस जनहितकारी योजना को हिंगणघाट के विधायक समीर कुणावार ने अपने राजनीतिक दबाव से वर्धा शहर से हटाकर हिंगणघाट तहसील ले गए।
हिंगणघाट जिले के अंतिम कोने पर स्थित है – सवाल उठता है:
👉 क्या आर्वी, देवळी, सेलू, समुचित वर्धा ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को अब इस मेडिकल कॉलेज से लाभ मिल पाएगा?
👉 क्या जिले के बहुसंख्यक नागरिकों के स्वास्थ्य अधिकार को जानबूझकर हिंगणघाट में सीमित कर दिया गया?
विधानसभा में उठा तो मुद्दा, पर किसका?
आश्चर्य की बात यह है कि वर्धा जिले के सभी तीन विधायक – समीर कुणावार (हिंगणघाट), सुमित वानखेडे (आर्वी) और राजू बकाने (देवळी-पुलगांव) – ने विधानसभा में आवाज तो उठाई,
लेकिन सेवाग्राम स्थित प्राइवेट ट्रस्ट के अस्पतालों में नागरिकों को मिल रही खराब सुविधा को लेकर।
परंतु वे यह क्यों नहीं पूछते कि –
❓ जिला सरकारी अस्पताल में डॉक्टर पेशेंट को प्राइवेट अस्पतालों में क्यों रेफर करते हैं?
❓ क्या यह रेफरल किसी दबाव, सांठगांठ या सुविधा के अभाव के कारण होता है?
❓ क्या जिले का सबसे बड़ा और एकमात्र सरकारी अस्पताल विधानसभा में मुद्दा नहीं बनना चाहिए?
वीर अशोक सम्राट संघटना की मांग:
- वर्धा शहर में प्रस्तावित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल को तुरंत पुनः स्थापित किया जाए।
- जिला सरकारी अस्पताल को आधुनिक संसाधनों, डॉक्टरों और सुविधाओं से सज्ज किया जाए।
- रेफरल की जांच की जाए – मरीजों को जबरन प्राइवेट अस्पतालों में क्यों भेजा जा रहा है?
- विधानसभा में जिला सरकारी अस्पताल की स्थिति को प्रमुखता से उठाया जाए।
📢 “यह सिर्फ स्वास्थ्य सुविधा नहीं, पूरे जिले के नागरिकों के हक और सम्मान का प्रश्न है।”
✊ वीर अशोक सम्राट संघटना इस लड़ाई को सड़कों से लेकर कोर्ट तक लड़ेगी।
✍️ विक्की सवाई
संस्थापक अध्यक्ष
वीर अशोक सम्राट संघटना

